Actor Satyakam Anand / Artist - Omprakash Amritanshu
अभिनेता सत्यकाम आनंद का caricature बना रहे हो ना । आरे वाह ! क्या बात है ? पर , इसी बात के लिए हमें क्यों पड़ती डांट है । कभी हमारा भी caricature बना दिया करो । मेरे ऊपर भी कभी दया दिखा दिया करो । ये वही है ना जिसे , सीरियल साईं बाबा में कुछ दिन पहले देखा था हमने । इनके अभिनय क्षमता को सराहा था सबने । भाई एकदम सत्य वाला अभिनेता है सत्यकाम । लेकिन , जितना मिलना चाहिए अभी उतना नहीं मिला है नाम । हमें तो आनंद मिलता है । इनके अभिनय को बार – बार देखने को दिल करता है …। ये फिल्मी – सिल्मी वाली लाइन भी बहुत जोखिम से भरी हुई है । छोटे – छोटे अभिनेताओं की सांसे कहीं ना कहीं अटकी हुई है ….।”
बकर – बकर बोले जा रहा था अनंत राम । और मैं सुनता रहा । साथ में करता रहा अपना काम । अनंत राम से कुछ साल पहले हुई थी दोस्ती । खाली समय में इसी के साथ मिलकर थोड़ी सी हो जाती है मस्ती ।
कहते हैं आरा जिला घर बा , कवन बात के गम बा । अभिनेता सत्यकाम आनंद का वर्षों से संघर्ष जारी है । आत्मविश्वास का पलड़ा बहुत हीं भारी है । कभी TV सीरियलों में दिख जाते है । ढूंढो तो किसी ‘ सावधान इंडिया ‘ के एपिसोड में भी मिल जाते हैं । पर , हर अभिनेता का सपना होता है बड़े पर्दे पर आने का । बड़े – बड़े ब्रांडेड एक्टरो संग काम करने का । क्योंकि बड़े कैनवस पर काम करने का मजा हीं कुछ और है । इसी के लिए तो वर्षों से चल रही भागा – दौड़ है ।
आरा का मौलाबाग उत्साह से भर जाता है । जब अभिनेता सत्यकाम आनंद का पैर मुहल्ले में पड़ जाता है । आरा के नुक्कड़ों और नागरी प्रचारिणी सभागार में नाटक करते रहे । और एक दिन अचानक दिल्ली के लिए निकल पड़े । एक तो अपने अभिनय क्षमता को और गति देने की जुनून थी । दूसरी अभिनय के बारीकियों को निखार कर उसे करनी जुम थी । क्योंकि शार्टकट का रास्ता इन्हें भी ना पसंद है । ये रास्ते कुछ दिनों बाद हो जाते बंद है ।
फिल्म ‘ गैंग ऑफ वासेपुर ‘ में जिसने जेपी सिंह को देखा होगा । कितने दिनों तक अभिनेता सत्यकाम आनंद को याद रखा होगा । हमने भी एक caricature बना दिया । कम से कम इन्हें याद तो कर लिया । अभी शार्ट फिल्म ‘Humen bumb ‘ के लिए ‘ दादा साहब फाल्के ‘ अवार्ड से नवाजा गया । संघर्षमय जीवन तरो ताजा हो गया । बड़े पर्दे की आने वाली फिल्म ‘ मार्कशीट ‘ है । यही तो एक अभिनेता सत्यकाम के हौसले की जीत है । आनंद से भर जाता है मन , जब पसीने की कीमत मिलने लगती है । जीवन में खुशियों की लहर दौड़ने लगती है ।
आज 11 जुलाई है । हाँ तो । तो क्या ? आज सत्यकाम आनंद का है जन्मदिन । मुझे याद होता है यह दिन । माफ़ करना हमारी शुंकामना संदेश दूसरों से थोड़ी होती है भिन्न । इसके लिए ना होना यार खिन्न । Portrait तो बहुत बनाया , सोचा इस बार caricature बना देता हूं । आपके जन्मदिन पर ये भी एक कला के भाव सौगात देता हूं । आप अभिनेता हो , मैं भी एक छोटा सा कलाकार । लेकिन , हम दोनों के पास है अनेकों भाव के भंडार ।
प्रगति पथ पर आप बढ़ो । कभी पीछे ना मुडो । जन्मदिन पर यही संदेश है । आप मंजिल को अपनी मुट्ठी में भरो ।
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ओमप्रकाश अमृतांशु
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