चिलचिलाती धूप की लू की थपेड़ों को पछाड़ता , गिरता , लड़खड़ाता जब मैं सड़कों पर चलता हूँ , कुछ लोग मारते हैं ठह...
इन हवसी प्रधान मानसिकता से मुक्ति दिला दो कोई उन्हें समझा दो बता दो कि मैं भी एक बेटी हूँ भारत माता की । अब अब...
हाड़ – माँस का सूखा हुआ पुतला पर अटूट धैर्य है उसमें । कितने चट्टानपहाड़ों के पहाड़टूट कर गिरे उसके ऊपरम...
सपने जो देखी है , मैंने उसे पूरी करूँगी डॉक्टर बनकर अपने गाँव को गौरवान्वित करूँगी । बेटी हूँ ! हाँ हूँ तो क्य...
खुली आँखों से सपने देख रहा है, नंगे पाँव काँटों को कुचलने की सोच रहा है तू ? अरे। तू तो ग़रीब है निर्बल है असह...
इंसान हुआ हैवान इंसानियत शर्मसार है, असहाय हुआ सीते का दामन दाग़दार है। हद हो गई बेख़ौफ़ हुआ डर चौखट के बाहर ह...
क- ख- ग -घ पढ़ते पढ़ते, हर मोड़ पे लड़ते -लड़ते। बढ़ चली है बेटी , देखो हँसते -हँसते।। कृपया हमसे Facebook और ...
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जब तक बेटी नही पढ़ेगी, सोच हमारी नही बढ़ेगी । कृपया हमसे Facebook और Twitter पर जुड़ें । धन्यवाद 🙏
मुस्कुराना फूलों सी, चिड़ियों सी चहचहाना । उस चाँद को छू कर आना बेटी ना एक पल घबड़ाना ।। कृपया हमसे Facebook...
चिलचिलाती धूप की लू की थपेड़ों को पछाड़ता , गिरता , लड़खड़ाता जब मैं सड़कों पर चलता हूँ , कुछ लोग मारते हैं ठहाका ! (1) पी रखा है नही ! कोई कहता है दिखा रहा है , कोई मजनू , तो कोई आवारा का न... Read more
इन हवसी प्रधान मानसिकता से मुक्ति दिला दो कोई उन्हें समझा दो बता दो कि मैं भी एक बेटी हूँ भारत माता की । अब अबला नादान नही हूँ मैं डरी हुई चुहिया सी जान नही हूँ मैं प्राकृति की पहचान हूँ मैं... Read more
हाड़ – माँस का सूखा हुआ पुतला पर अटूट धैर्य है उसमें । कितने चट्टानपहाड़ों के पहाड़टूट कर गिरे उसके ऊपरमुँह से आह !ना ऊफ !निकलताझेलता रहा वह सभी कोअपने ऊपरलगता है थोड़ा सा ऊखड़ा-ऊखड़ाप... Read more
सपने जो देखी है , मैंने उसे पूरी करूँगी डॉक्टर बनकर अपने गाँव को गौरवान्वित करूँगी । बेटी हूँ ! हाँ हूँ तो क्या ? क्या मैं पढ़ नहीं सकती ? किताबें खोल नहीं सकती ? क्यों नहीं इन काले अक्षरों... Read more
खुली आँखों से सपने देख रहा है, नंगे पाँव काँटों को कुचलने की सोच रहा है तू ? अरे। तू तो ग़रीब है निर्बल है असहाय भी और लाचार भी है , तू हीं बता तेरे जीने का कोई आधार भी है ? दाने-दाने को खान... Read more
इंसान हुआ हैवान इंसानियत शर्मसार है, असहाय हुआ सीते का दामन दाग़दार है। हद हो गई बेख़ौफ़ हुआ डर चौखट के बाहर हीं अस्मत लूट गई, फूट पड़े आँसूओ के धार खिलखिलाहट भरी ज़िंदगी बुत बन गई सुबक-सुबक... Read more
क- ख- ग -घ पढ़ते पढ़ते, हर मोड़ पे लड़ते -लड़ते। बढ़ चली है बेटी , देखो हँसते -हँसते।। कृपया हमसे Facebook और Twitter पर जुड़ें । धन्यवाद 🙏 Read more
देखो ! हंस-हंसके पढ़ रही है, बेटी आगे बढ़ रही है.. कृपया हमसे Facebook और Twitter पर जुड़ें । धन्यवाद 🙏 Read more
जब तक बेटी नही पढ़ेगी, सोच हमारी नही बढ़ेगी । कृपया हमसे Facebook और Twitter पर जुड़ें । धन्यवाद 🙏 Read more
मुस्कुराना फूलों सी, चिड़ियों सी चहचहाना । उस चाँद को छू कर आना बेटी ना एक पल घबड़ाना ।। कृपया हमसे Facebook और Twitter पर भी जुड़ें । धन्यवाद 🙏 Read more
संगीतकार मधुकर आनंद सिंगर बन मचा रहे हैं धमाल
ठहाका ! मारते लोग रविन्द्र भारती की दाढ़ी पर
अभिनेता सत्यकाम आनंद का caricature बना
आरा का लाल विष्णु शंकर का कमाल देखो
राजेश भोजपुरिया को मातृभाषा और संस्कृति से जमीनी जुड़ाव
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