चिलचिलाती धूप की लू की थपेड़ों को पछाड़ता , गिरता , लड़खड़ाता जब मैं सड़कों पर चलता हूँ , कुछ लोग मारते हैं ठह...
हाड़ – माँस का सूखा हुआ पुतला पर अटूट धैर्य है उसमें । कितने चट्टानपहाड़ों के पहाड़टूट कर गिरे उसके ऊपरम...
खुली आँखों से सपने देख रहा है, नंगे पाँव काँटों को कुचलने की सोच रहा है तू ? अरे। तू तो ग़रीब है निर्बल है असह...
अच्छे दिन के लिए रखा था, जिसे सहेज करउसके हीं बुरे दिन आ गये।रोटी की जुगाड़ में, खड़े-खड़े कतार में,हम जैसे कि...
विरासत में मिली गरीबों की सौगात है गरीबी . पिढ़ी दर पिढ़ी इंसानो को खाये जात है गरीबी । कृपया हमसे Facebook और...
गरीबी की आंच में दहकता हुआ बचपन. क्यों भूखा पेट,फटे-चिथड़े कपड़े में लिपटा हुआ है बचपन, क्या यही गरीब की गोद म...
गरीब हाथ पसारता है, पेट भरने कि लिए, अमीर लात मारता है, तिजोरी भरने के लिए… कृपया हमसे Facebook और Twitt...
क्यों गरीब लाचार, बीमार और परेशान है गरीबी से ? कोई पूछे तो सही अमीरों की अमीरी से… कृपया हमसे Facebook ...
अमीरों की आग में क्यों जलता है गरीब ? पेट मलता भूखा सो जाता, पर मुँह से कुछ ना बोलता गरीब…. -तुम भिखारिय...
चिलचिलाती धूप की लू की थपेड़ों को पछाड़ता , गिरता , लड़खड़ाता जब मैं सड़कों पर चलता हूँ , कुछ लोग मारते हैं ठहाका ! (1) पी रखा है नही ! कोई कहता है दिखा रहा है , कोई मजनू , तो कोई आवारा का न... Read more
हाड़ – माँस का सूखा हुआ पुतला पर अटूट धैर्य है उसमें । कितने चट्टानपहाड़ों के पहाड़टूट कर गिरे उसके ऊपरमुँह से आह !ना ऊफ !निकलताझेलता रहा वह सभी कोअपने ऊपरलगता है थोड़ा सा ऊखड़ा-ऊखड़ाप... Read more
खुली आँखों से सपने देख रहा है, नंगे पाँव काँटों को कुचलने की सोच रहा है तू ? अरे। तू तो ग़रीब है निर्बल है असहाय भी और लाचार भी है , तू हीं बता तेरे जीने का कोई आधार भी है ? दाने-दाने को खान... Read more
अच्छे दिन के लिए रखा था, जिसे सहेज करउसके हीं बुरे दिन आ गये।रोटी की जुगाड़ में, खड़े-खड़े कतार में,हम जैसे कितने मौत के आगोश में समा गए।। कृपया हमसे Facebook और Twitter ... Read more
विरासत में मिली गरीबों की सौगात है गरीबी . पिढ़ी दर पिढ़ी इंसानो को खाये जात है गरीबी । कृपया हमसे Facebook और Twitter पर जुड़ें । धन्यवाद 🙏 Read more
गरीबी की आंच में दहकता हुआ बचपन. क्यों भूखा पेट,फटे-चिथड़े कपड़े में लिपटा हुआ है बचपन, क्या यही गरीब की गोद में, जन्म लेने की सजा है ? कृपया हमसे Facebook और Twitter पर... Read more
गरीब हाथ पसारता है, पेट भरने कि लिए, अमीर लात मारता है, तिजोरी भरने के लिए… कृपया हमसे Facebook और Twitter पर जुड़ें । धन्यवाद 🙏 Read more
क्यों गरीब लाचार, बीमार और परेशान है गरीबी से ? कोई पूछे तो सही अमीरों की अमीरी से… कृपया हमसे Facebook और Twitter पर जुड़ें । धन्यवाद 🙏 Read more
प्याज के आंसू रूके नही, दाल के लाले पड़ गये । महंगाई काम हो गई, कहते – कहते उनके जुबान पर छाले पड़ गये । कृपया हमसे Facebook और Twitter पर जुड़ें । धन्यवाद 🙏 Read more
अमीरों की आग में क्यों जलता है गरीब ? पेट मलता भूखा सो जाता, पर मुँह से कुछ ना बोलता गरीब…. -तुम भिखारियों से तो हम जैसे शरीफ़ लोगों का जीना मोहाल हो गया है.. – आपलोगों की मेहरबा... Read more
संगीतकार मधुकर आनंद सिंगर बन मचा रहे हैं धमाल
ठहाका ! मारते लोग रविन्द्र भारती की दाढ़ी पर
अभिनेता सत्यकाम आनंद का caricature बना
आरा का लाल विष्णु शंकर का कमाल देखो
राजेश भोजपुरिया को मातृभाषा और संस्कृति से जमीनी जुड़ाव
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