झनन – झनन झाँझर झाँझरिया बाजे , लाली चुनर लाली बिंदिया ऽऽऽ जय हो ऽऽऽऽऽ हो मोरी ! ये मोरी ! माई दुर्गा के...
अबकी सावन के महिनावा कोरोनावा के शोर । भोला घर वे से अर्पित करत बानी लोर ।। (1) जलवा चढ़ाईं कईसे , काँवर लेके...
नीले नयनन में निरमल गंगा के धार । बेड़ा पार करऽ दिलवा पड़ल मँझधार ।। गुद गुदावेला मिठी-मिठी बोलिया फुहार । उपक...
संगीतकार धनंजय मिश्रा के “पागल बनईबे का रे पतरकी ? पागल बनईबे का ? साथ में “ही ही ही ही हँस दिहलें रिंकिया के...
भूखल पेट में मिठाई जइसन बात से टपकत बा लार । बताईं अब का करीं हम , हे सरकार! अँजुरी त भर गइल , सऊँसे रस टपक गइ...
भूखल देहिया डहके सड़किया पे , तड़पेला आदमी के जतिया । हो रामजी ।। 1 जेठ दुपहरिया के दवंके बेयरिया हो लूकवा चले...
भोला बाबा चलेले ससुररिया दूल्हा रूप बनाके । माथावा पे मउर सजाके...
अनारकली गली – गली लागल बाटे मेला , आइल सावन के सोमारी अलबेला ये हरी ! झुमका बिकाला हो नथिया बेचाला, मेला...
टुकर – टुकर देखत बाड़ऽ लाशावा गिनत बाड़ऽ टभकेला माई के ममतावा नीतिश बाबू । बुझेलऽ ना दु:खवा – वियो...
भोजपुरी चित्रकला लोक जीवन में महत्वपूर्ण आ अहम् भूमिका अदा करेला । जीनिगी जीए के एगो विशेष शैली प्रदान करेला ।...
झनन – झनन झाँझर झाँझरिया बाजे , लाली चुनर लाली बिंदिया ऽऽऽ जय हो ऽऽऽऽऽ हो मोरी ! ये मोरी ! माई दुर्गा के साजे । (1) चम – चम चमकेला मुखड़ा अइसन चमके गगन में बिजुरिया जइसन नैना में... Read more
अबकी सावन के महिनावा कोरोनावा के शोर । भोला घर वे से अर्पित करत बानी लोर ।। (1) जलवा चढ़ाईं कईसे , काँवर लेके आईं कईसे भांगवा – धतूरा – बेलपतावा चढ़ाईं अब त लालसा के दियारा बुझाइ... Read more
नीले नयनन में निरमल गंगा के धार । बेड़ा पार करऽ दिलवा पड़ल मँझधार ।। गुद गुदावेला मिठी-मिठी बोलिया फुहार । उपकार करऽ छुअऽ ना दिलवा के तार ।। (1) उड़े-बुड़े मनवा, पंवरे बुल बुला छोड़े खिलल... Read more
संगीतकार धनंजय मिश्रा के “पागल बनईबे का रे पतरकी ? पागल बनईबे का ? साथ में “ही ही ही ही हँस दिहलें रिंकिया के पापा ।” खेसारी लाल यादव आ मनोज तिवारी के गावल ई दूनो गीत जब – जब गावल... Read more
भूखल पेट में मिठाई जइसन बात से टपकत बा लार । बताईं अब का करीं हम , हे सरकार! अँजुरी त भर गइल , सऊँसे रस टपक गइल । पेट के भूख ना गइल । दु:ख बढ़िआइल जात बा । मुँहवा पे फेफड़ी परल जात बा । आज ल... Read more
भूखल देहिया डहके सड़किया पे , तड़पेला आदमी के जतिया । हो रामजी ।। 1 जेठ दुपहरिया के दवंके बेयरिया हो लूकवा चलेला जइसे बरिसेला अगिया हो छन – छन जरे जिउवा , अदहन बा पनिया से , तड़पेला आद... Read more
भोला बाबा चलेले ससुररिया दूल्हा रूप बनाके । माथावा पे मउर सजाके ।।अंगे – अंगे भभूत लगाके ।। 1 जुड़ा में... Read more
अनारकली गली – गली लागल बाटे मेला , आइल सावन के सोमारी अलबेला ये हरी ! झुमका बिकाला हो नथिया बेचाला, मेला वा में हार मांगटीकावा बिकाला अनारकली देख लटगेनवा बिकाला आइल सावन के सोमारी अलबे... Read more
टुकर – टुकर देखत बाड़ऽ लाशावा गिनत बाड़ऽ टभकेला माई के ममतावा नीतिश बाबू । बुझेलऽ ना दु:खवा – वियोगवा नीतिश बाबू ।। कवने कसूरवा करेजावा के ख़ून भइल माई के आँचरावा – गोदवा ब... Read more
भोजपुरी चित्रकला लोक जीवन में महत्वपूर्ण आ अहम् भूमिका अदा करेला । जीनिगी जीए के एगो विशेष शैली प्रदान करेला । जनसधारण के भाव में रचल – बसल प्रतिकात्मक चित्र देखत बनेला । सुन्दरता के स... Read more
यह शिक्षक और साहित्यकार केशव मोहन पाण्डेय का व्यक्ति चित्र
हुकुम सिंह हर्ष आज भी अभिनय कला के पथ पर । भाव भी है तरोताज़ा
भोजपुरी लोक गायिका देवी का अइलें मोर राजा
संगीतकार मधुकर आनंद सिंगर बन मचा रहे हैं धमाल
ठहाका ! मारते लोग रविन्द्र भारती की दाढ़ी पर
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