भोजपुरी चित्रकला लोक जीवन में महत्वपूर्ण आ अहम् भूमिका अदा करेला । जीनिगी जीए के एगो विशेष शैली प्रदान करेला ।...
आइल बसंत मदमस्त, खिलल पियर-पियर फुलवा । चूमे भँवरवा कलियन के, चुअेला मोजरा से रसवा ।। बसंती रंग में बसंत पंचमी...
देखऽ त केकरा घरे बंधात बा मकर संक्राति के तिलवा। दादी के नाक में साँस बनके समाईल गमक। तु हूँ काहे नईखु बांध दे...
समय के साथे-साथे आधुनिकता के रंग में रंगाईल दिवाली में बने वाला पारम्परिक माटी के घरौंदा। समय के साथे-साथे आध...
चढ़ गइल चइत टपके लागल महुआ।चुवेला चइतवा में रसवा हो रामा रसे-रसे । काहे तोहार मन नईखे होखत टस से मस।अमवा के मो...
हिन्दू मान्यता के मोताबिक चइत महिना से नया साल के शुरूआत होखेला। होली के विदाई हो गइल। चइत के डंका पिटा गइल।’आ...
किरिन डूब गईल । साँझ हो गईल। अन्हार होखे लागल। गाँव के हर गली – मोहल्ला में बाल समूह गान गूँजे लागल। होल...
बेलपत्र के संस्कृत में ‘ विल्वपत्र’ कहल जाला।बेलपत्र भगवान शिव के अतिप्रिय चढावा ह। मानल जाला कि श...
हर साल के भांति अबकियो बेर भइल दिल्ली में मैथिली-भोजपुरी कवि सम्मेलन। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में 21 जनवरी के...
डोमना के दादी छठ माई से मनौती मंगले रही। ‘हमार पोता होखी त ‘आँचरा पर नाच’ करवाइब। हे छठी मईया। पतोह के आँचरा म...
भोजपुरी चित्रकला लोक जीवन में महत्वपूर्ण आ अहम् भूमिका अदा करेला । जीनिगी जीए के एगो विशेष शैली प्रदान करेला । जनसधारण के भाव में रचल – बसल प्रतिकात्मक चित्र देखत बनेला । सुन्दरता के स... Read more
आइल बसंत मदमस्त, खिलल पियर-पियर फुलवा । चूमे भँवरवा कलियन के, चुअेला मोजरा से रसवा ।। बसंती रंग में बसंत पंचमी सरस्वती पूजा के उमंग रोम-रोम में आनंद भर देवेला । विद्या के देवी के पूजा... Read more
देखऽ त केकरा घरे बंधात बा मकर संक्राति के तिलवा। दादी के नाक में साँस बनके समाईल गमक। तु हूँ काहे नईखु बांध देत? ई हमनी के परम्परा नु ह। तु हूँ बांध दिहतु त घूम-घूम के लईका खईतन सं नु। लागीत... Read more
समय के साथे-साथे आधुनिकता के रंग में रंगाईल दिवाली में बने वाला पारम्परिक माटी के घरौंदा। समय के साथे-साथे आधुनिकता के रंग में रंगाईल दिवाली में बने वाला पारम्परिक माटी के घरौंदा। यानी पारम... Read more
चढ़ गइल चइत टपके लागल महुआ।चुवेला चइतवा में रसवा हो रामा रसे-रसे । काहे तोहार मन नईखे होखत टस से मस।अमवा के मोजरा में लागल टिकोढ़ा जइसे जियरा में उठत बाटे फोड़ा।भोरे-भोरे सुन के कोइलिया के क... Read more
हिन्दू मान्यता के मोताबिक चइत महिना से नया साल के शुरूआत होखेला। होली के विदाई हो गइल। चइत के डंका पिटा गइल।’आनंद रस छलकावे चइतवा हो रामा ‘ सभे गावे में मगन बा।पेड़-पौधन में नया-नया कोमल पतई... Read more
किरिन डूब गईल । साँझ हो गईल। अन्हार होखे लागल। गाँव के हर गली – मोहल्ला में बाल समूह गान गूँजे लागल। होली के सतरंगी रंग में सम्हत ( होलिका जलाने की सामाग्री ) माँगेंगे के उमंग में झूमे... Read more
बेलपत्र के संस्कृत में ‘ विल्वपत्र’ कहल जाला।बेलपत्र भगवान शिव के अतिप्रिय चढावा ह। मानल जाला कि शिव के पूजा एक लोटा पानी आ न ढ़ेर त मात्र एगो बेलपत्ता से भी कइल जा सकेला। बेलपत्... Read more
हर साल के भांति अबकियो बेर भइल दिल्ली में मैथिली-भोजपुरी कवि सम्मेलन। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में 21 जनवरी के प्यारेलाल भवन, दिल्ली में। सोरह गो कवि-कवियत्री लोगन के देख के मन हर्षित रहे। स... Read more
डोमना के दादी छठ माई से मनौती मंगले रही। ‘हमार पोता होखी त ‘आँचरा पर नाच’ करवाइब। हे छठी मईया। पतोह के आँचरा में एगो आर्शीवाद के फूल गिरा दीहीं। एगो पोता दे दीही। हे छठी मईया।’ दू महिना बाद... Read more
संगीतकार मधुकर आनंद सिंगर बन मचा रहे हैं धमाल
ठहाका ! मारते लोग रविन्द्र भारती की दाढ़ी पर
अभिनेता सत्यकाम आनंद का caricature बना
आरा का लाल विष्णु शंकर का कमाल देखो
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