Rekha Bhaskar / Artist - Omprakash Amritanshu
रेखा भास्कर के शब्दों में – ” हमें बच्चों की शिक्षा और पशु – पक्षियों से बेहद लगाव है ।” बच्चें देश के भविष्य होते हैं । वे आनेवाले कल के सितारे हैं । उनका सुनहरा बचपन विभिन्न भावनाओं से भरा होता है । खेल – खेल में उनका शैक्षणिक विकास अच्छा हो , यह हमारा दायित्व बनता है । इस दायित्व को हम निभाने का प्रयत्न भी करते हैं । क्योंकि बच्चें पढ़ना नही खेलना ज्यादा पसंद करते हैं । ऐसे में इन बच्चों के शिक्षा हमारे लिए चुनौती बन जाती है । हमसे पहले इन्हें पशु – पक्षियों से दोस्ती हो जाती है । वे इनके साथ ही पूरा बचपन व्यतीत करना चाहते हैं । हमारी डॉ रेखा भास्कर भी यही चाहती है ।
बीते हुए कल और आज के दौर में काफी अंतर है । आज हर वर्ग के माता – पिता अपने बच्चों के शिक्षा में रुचि रखते हैं । उनके लिए उत्तम शिक्षण संस्थानों – स्कूलों का चयन कर दाखिला करवाते हैं । स्कूलों में भी नई – नई शिक्षा की पद्धति अपनाई जा रही है । नन्हे मन को खेल – खेल में पढ़ाया जा रहा है । ताकि , उनके ऊपर मांसिक प्रेशर न पड़े । उन्हें ना लगे कि मैं पढ़ रहा हूँ । अथवा मैं सिर्फ पढ़ने के लिए स्कूल जा रहा हूँ । संस्थानों में मनोवैज्ञानिक तरीके से उनके मस्तिष्क को पढ़ा जाता है । फिर , विद्या ग्रहण कराई जाती है । ताकि छात्रों का मानसिक विकास सुदृढ़ हो । उन्नत हो ।
दरअसल डॉ रेखा भास्कर भी इस तरह की सेवा से ही जुड़ी है । बस फर्क इतना है कि ये पर्दे के पीछे से काम करती है । शिक्षकों को ट्रेनिग देती है । बच्चों को पढ़ने में रुचि कैसे जगे ? तरकीब बताती है । नई – नई पद्धति का प्रयोग आजमाती है । उनके भावनाओ को बारीकी से समझने की पहल करती है ।
मूलतः केरल कन्नूर की रहने वाली रेखा भास्कर की पढ़ाई – लिखाई भी वहीं पर हुई । ग्रेजुएशन करने दिल्ली आई । दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया । अब लगभग पीएचडी भी पूरी हो गई । पढ़ाई के दौरान जर्मनी गई । वैज्ञानिकों से मिली । शिक्षा की क्षेत्र में नई – नई जानकारियां लेकर आई ।
रेखा भास्कर की भावनाएं जब उमड़ती है तो कहती है । ” बच्चों की भावनाओ को समझना चाहिए । मैं जब स्कूल में थी । वार्षिक महोत्सव में मेरी इच्छा थी मैं परी की भूमिका करूँ । शिक्षकों के द्वारा मुझे मना कर दिया गया । क्योंकि मैं दिखने में अच्छी नही थी । ऐसा करना या कहना गलत है । ऐसी बातों से बच्चें कुंठा के शिकार हो जाते है । जैसे , आज तक मेरी मानसिक पटल पर ये बाते बैठी हुई है ।”
मैने पूछा रेखा जी आपको पशु – पक्षियों से बहुत लगाव है ? जवाब था – ” मैं घर की इकलौती संतान हूँ । न जाने कहाँ से घर मे एक छोटा सा पिल्ला आ गया । उसके साथ मैं तेरह साल तक खेली । यही कारण है कि नही बोल पाने वाले जीव – जन्तुओं पर हमारी भावनाएं उमड़ पड़ती है । चिड़ियों का चहकना दिल को छू लेता है ।”
आज 5 फरवरी को रेखा भास्कर का जन्मदिन है । रेखा जी आपको जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं ।
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ओमप्रकाश अमृतांशु
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जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं रेखा जी, आप सदैव हँसते मुस्कुराते रहें। पशु पक्षियों पर आपका प्यार और ज्यादा उमड़ता रहे।
Happy birthday, Rekha ma’am
Happy Birthday Rekha Ma’am
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