Artist- Omprakash Amritanshu
आज 21 फरवरी हउए । नेताजी Facebook पर मातृभाषा दिवस के शुभकामना संदेश post कइलें । संदेश आपन रफ्तार में चलल । सभेके Facebook के होम पेज पर दिखाई दिहलस । लोग लपक के लाइक करे में जुटल । नेताजी के मन में बतासा फूटल । उड़ल मन आकाश में । ताश के बादशाह समझलें अपना आप के । सिर्फ़ दू घंटा में हजार गो लाइक मिलल । करिब पांच सौ प्रतिक्रिया पवलें । भीतर से गदगद हो गइलें । smart TV पर लाइव भइलें । मोबाईल फोन शोफा पर धइलें । Facebook पर टकटकी बा लागल । नेताजी के आँख ना थाकल । संदेस लाइक के संख्या जस – जस बढ़े । नेताजी के मन में तस – तस फूल खिले । फूल के कोंहड़ा भइल बा छाती । दिल में जरल जीत लमहर बाती ।
शुभकामना संदेश कमाल के रंग देखवले बा । नेताजी के गुदगुदी परवले बा । सोंचलें हम विपक्षी से बेकारे नु डेराइल रहीं । अपने से हार के मुँह में समाइल रहीं । लागत बा अबकियो बेर जीत हमरे बा । विपक्षी के गोड़ समझऽ कि उखड़ले बा । हजार से डेढ़ हजार भइल संदेश लाइक । नेताजी के आँख पनिआइल । मातृभाषा दिवस के शुभकामना संदेश दिल से मिटवलस जाति – पाति के भेद । फिर से सांसद बनेके जागल उम्मिद । भावुकता के लोर बहल दूनो अँखिया से । धोआ गइल ईर्ष्या के दाग आज एही घरिया से ।
“मातृभाषा के मतलब माई के भाषा । हमार माई के भाषा ह भोजपुरी । भारत सरकार बनवले बिया एकरा से दुरी । ईहे हमनी के मजबुरी बा । कानूनी दर्जा जाहि दिन मिल जाई , सभ काम असान हो जाई । एकरा से मीठ आ कड़क नईखे कवनो भाषा । तबहूँ बिगड़ल बा हमनी के दासा । कारण का बा ? कारण बा जवन सांसद एहिजा से चुन के जाला । उहे आपन मातृभाषा के भुला जाला । ओकरा नजर में भोजपुरी बोले वाला गंवार हो जाला । उहे आपन संस्कृति के गिरवले बा खाला । जबकि ओकरा आवाज उठावे के चाहीं । बार – बार आपन मांग दोहरावे के चाहीं ।
आपन मातृभाषा दिवस मनावे के हमनियो के अधिकार बा । भोजपुरिया के ईहे चाहत बार – बार बा । राउर शुभकामना हमरा के अगर मिल जाई , त सभ काम समझीं कि बन जाई । हम वचन देत बानी । कसम लेत बानी । संसद में उठाइब एह बात के । भूला के जात – पात के । संवैधानिक दर्जा दिलवाईं आपन मातृभाषा के । चुनाव में जीता दिहीं हमरा के । हम करके देखाईब ई काम । ना होई त बदल देहम रउरा सभे हमार नाम ।”
इहे वादा करके सांसद बनल रहलें नेताजी । अब चुनाव आईल फिर से जुटल बाड़ें नेताजी । मुद्दा के तलास में , फिर से भोजपुरी के सम्मान में ।
ई कईसन शुभकामना संदेश आईल बा । नेताजी के ख़ून पानी -पानी भइल बा । कवन शख़्स post कइले बा , साथ में नेताजी के टैग कइले बा । देखके चिहाईल बाड़न । लागता अबहीं ताजा – ताजा दुहाईल बाड़न । मुँह से गारी निकले लागल । सभे नेताजी के पास भागे लागल । दंग बा सबकोई post देखके । केहुके मन नईखे करत मुँह खोलेके । पसीना -पसीना भइल बा पूरा शरीर । उठल बा सच्चाई देखके जियरा में पीर ।
जईसन करबऽ ओइसने नु परिणाम पईबऽ । ये नेताजी अब तु नाक के नेटा हो गईलऽ । मातृभाषा से कइलऽ खिलवाड़ , पड़ गइल नईया तोहार बीच मँझधार । हार के शुभकामना स्वीकार करऽ । हमार बात मानऽ मचान धरऽ । काहेकि अब तोहार खेल खत्म , हमार भइल शुरू । तु चेला हम भइलीं गुरू ।
राउर प्यार हमरा के लिखे खातिर उत्साहित करेला । राउर प्रतिक्रिया के आस में ।
ओमप्रकाश अमृतांशु
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Good job
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