Artist - Omprakash Amritanshu
2 सितम्बर 2017 । भोजपुरी भाषी लोगों की आँखें नम है । भोजपुरी गीत-संगीत की दुनिया में भारी छाया हुआ ग़म है । एक भोजपुरी रचनाकार कम है । फेशबुक पर न्यूज़ देखकर सभी लोग दंग है ।
भोजपुरी गीतों के रचनाकार मोती लाल ‘ मंजुल ‘ सही मायने में मोती भी थे और भोजपुरिया लाल भी । हमारे बीच ‘मंजुल’ जी नहीं होते तो शायद हम ‘ भरत शर्मा व्यास’ को भी नहीं जान पाते । सिर्फ़ ‘ भरत शर्मा ‘ हीं नहीं गायक ‘मनोज तिवारी’ एवं अन्य गायकों को भी इन्होंने अपनी रचना के पंखों पर बैठाया । आसमान को मुट्ठी में भरवाया ।
भोजपुरी गीतों की फुलवारी हरा – भरा था तो सिर्फ़ ‘ मंजुल ‘ जी जैसे गीतकारों से । इन फुलवारी को सिंचने वाला माली आज हमारे बीच नहीं रहा । हरा – भरा बाग़ भी आज उदास और मुरझाया हुआ दिल से ‘मंजुल’ जी को अंतिम प्रणाम करने को विवश है ।
आनंद का रस छलकाने वाले ऐसे संगीतकार
हमने खो दिया एक सच्चे भोजपुरी साहित्य के सिपाही को । गला बैठा जा रहा है । आँखें गीली हो रही है । दिल की धड़कन बहुत धीमी गति से चल रही है । यही सोंच रहा हूँ भोजपुरी गीत -संगीत को नया आसमान देने वाले ‘ मंजुल’ जी ख़ुद ज़मीन पर कैसे रह गये ?
कार्टून धुन ‘ मोती लाल मंजुल को विनम्र भाव से श्रद्धांजलि देता है । ईश्वर इनके आत्मा को शांति प्रदान करे ।
भोजपुरी गीतकार श्री बिरेन्द्र पाण्डेय को
ओमप्रकाश अमृतांशु
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